अग्निदाह
हैलो..हैलो..,हैलो..पमा!” “हां। हैलो..बोल बालू।” “मैं गांव में आया हूँ। तू कहाँ है?” -“मैं काम पर हूँ। रात को जल्द घर आया तो मिलता हूं; नहीं तो कल मिलेंगे।” “ठीक है। रखता हूँ। बाय।” दूसरे दिन दोपहर के समय रास्ते से जोर से आवाज आया, “बालू है घर पर।” माँ ने घर का गेट खोला, तो […]