माँ का दर्द (बालकथा)
माँ मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। वाह! मैदान भी हरा–भरा है। चीनू उछलते हुए अपनी माँ से कहने लगा; हम रोज आ कर खेलेंगे न…..! हाँ बेटा चीनू; माँ ने हँसते हुए हामी भरी। खुले मैदान में चीनू जैसे और भी छोटे–छोटे बच्चे खेल रहे थे यह देख चीनू और भी खुश हो गया। चीनू […]
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