बरसात में सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है ये सावधानियाँ

बारिश का मौसम यूँ तो तपती धरती को सरोबर करने वाली रिमझिम फुहार का मौसम होता है, झुलसे पेड़-पौधों पर लहराती हरियाली का मौसम होता है, लेकिन साथ ही तरह-तरह की बीमारियों का भी मौसम होता है। साधारण सर्दी-जुकाम, बुखार, अस्थमा, त्वचारोग इत्यादि परेशानियाँ इस मौसम में आम होती है। स्वस्थ रहने पर ही रिमझिम […]

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समय-प्रबंधन द्वारा समय की कमी का समाधान

आजकल एक सामान्य समस्या है ‘समय नहीं होने’ का। कामकाजी महिलाओं को दुहरी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। कुछ लोग अधिक आर्थिक लाभ के लिए एक साथ कई काम करते हैं या पार्ट टाइम काम करते हैं। शहरों में लोगों को कई-कई घंटे अपने कार्यस्थल से घर आने-जाने में लग जाते हैं। विद्यार्थियों को भी अपने

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छः चीजें घर में जरूर बनवाएँ, अगर घर में बुजुर्ग है

हम घर बनवाते समय उसकी मजबूती, खूबसूरती और कई बार वास्तु का भी, ख्याल रखते हैं पर अपने बुजुर्ग होने या घर के बुजुर्गों के लिए सुविधा का ध्यान रखना भूल जाते हैं। अब कुछ रियल एस्टेट कंपनियाँ और बिल्डर इसका ध्यान रखने लगे हैं, पर अभी भी इन चीजों को उतना जरूरी तब तक

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सफल वृद्धावस्था क्या है?

वृद्धावस्था के संबंध में हमारे महाकाव्यों में एक बहुत ही रोचक कहानी है। यह कहानी है ययाति की। ययाति को शापवश असमय ही बूढ़ा होना पड़ा। चूँकि यह बुढ़ापा स्वाभाविक नहीं बल्कि शापवश था, इसलिए इसे किसी अन्य व्यक्ति के यौवन से बदला जा सकता था। बुढ़ापा सबको कष्टप्रद लगता है इसलिए कोई इसे लेना

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छः चीजें घर में जरूर बनवाएँ, अगर घर में बुजुर्ग है

हम घर बनवाते समय उसकी मजबूती, खूबसूरती और कई बार वास्तु का भी, ख्याल रखते हैं पर अपने बुजुर्ग होने या घर के बुजुर्गों के लिए सुविधा का ध्यान रखना भूल जाते हैं। अब कुछ रियल एस्टेट कंपनियाँ और बिल्डर इसका ध्यान रखने लगे हैं, पर अभी भी इन चीजों को उतना जरूरी तब तक

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अनुशासन

छोटा-सा शब्द है अनुशासन। लेकिन इंसान के जीवन में इसके मायने बहुत बड़े हैं। वैसे तो अनुशासन के कुछ प्रमुख रुप हैं जो की किताबों में वर्णित है और धर्म शास्त्र में भी जिनका उल्लेख है। महाभारत का एक अध्याय ही ‘अनुशासन पर्व’ के नाम से है। जिसमें भीष्म पितामह युधिष्ठिर को धर्म-कर्म के विषय

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मानव-प्रकृति का सम्बन्ध

मानव और प्रकृति के बीच बहुत गहरा सम्बन्ध है। मानव प्रकृति का एक अभिन्न अंग है। प्रकृति के बगैर मानव की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। मानव शरीर प्राकृतिक तत्त्वों से बना है। भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश यह पञ्च महाभूत और मन, बुद्धि तथा अहंकार- यह आठ

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वृद्धावस्था को वरदान बनाएँ

वृद्धावस्था का भय केवल आज की समस्या नहीं है बल्कि हजारों वर्ष पहले रचित आयुर्वेद ग्रंथ चरक संहिता में भी इसके संकेत मिलते हैं। यह तो कटु सत्य है। प्रत्येक व्यक्ति या जीव, जिसने इस संसार में जन्म लिया है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है और इस सच्चाई से मुँह नहीं मोड़ा जा सकता। ज्यों-ज्यों

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