कन्या पूजन और श्रवण कुमार के देश में वृद्धाश्रम!
सच में यह परमावश्यक है। हम सभी को इस विषय पर चिन्तन करना जरूरी है कि जिस देश में श्रवण कुमार जैसे पुत्र हो, जिन्होंने अपने माता-पिता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। जिस देश का आदर्श वाक्य है, “अभिवादनशीलस्य नित्य, वृद्वोपसेविन: चत्वारि तस्य वर्धयन्ते आयुवि॑द्या यशोबलम।”उस देश में वृद्धाश्रम की संख्या बढ़ती ही […]
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