साँझ के दीप

वृद्धावस्था और खुशियों की चाबी

वृद्धावस्था में प्रायः ऐसा देखने मे आता है कि अपनी जरूरत की हर छोटी-बड़ी चीज के लिए दूसरों पर निर्भरता बढ़ती चली जाती है। यहाँ तक कि अपने मन की खुशियों के लिए भी हम दूसरों पर निर्भर रहने लगते हैं, चाहे वह अपना कोई पारिवारिक सदस्य हो या रिश्तेदार या फिर कोई मित्र या […]

वृद्धावस्था और खुशियों की चाबी Read More »

मानसिक स्वास्थ्य: वर्तमान समय की आवश्यकता

एक फिल्म अभिनेता के हालिया निधन ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया है। हर कोई बस पोस्ट कर रहा है। लोग इस तरह बातें कर रहें हैं जैसे वे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों का कितना ध्यान रखते हैं और जरूरत के समय उनके लिए उपलब्ध होते हैं। लेकिन सच बात तो यह है कि

मानसिक स्वास्थ्य: वर्तमान समय की आवश्यकता Read More »

सेहतमंद होने का अर्थ

एक प्रसिद्ध कहावत है “यदि आपको अभी अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने का समय नहीं मिला है, तो आपको बाद में अपनी बीमारी के लिए समय निकालने की आवश्यकता होगी।”       हमारे जीवनकाल में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली मशीन है हमारा शरीर। अन्य सभी मशीनों का इस्तेमाल इसी मशीन पर निर्भर है। इसलिए

सेहतमंद होने का अर्थ Read More »

वरिष्ठ नागरिकों की आर्थिक सहायता के लिए सरकारी योजनाएँ

सरकार की वर्तमान कल्याणकारी अवधारणा यह मानती है कि सरकार का उद्देश्य केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखना और सुरक्षा प्रदान करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अपनी जनता के सर्वांगीण कल्याण के लिए प्रयास करना भी उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसी अवधारणा के तहत सरकार महिलाओं, बच्चों, दिव्याङ्गो, वृद्धों इत्यादि अपेक्षाकृत कमजोर वर्ग के हितों

वरिष्ठ नागरिकों की आर्थिक सहायता के लिए सरकारी योजनाएँ Read More »

आर्थिक कठिनाई क्या है

आर्थिक कठिनाई का आशय सामान्यतः लिया जाता है “भौतिक साधनों को उपलब्ध कराने की क्षमता के अभाव” से। भौतिक साधनों को साधारणतः तीन श्रेणियों में रखा जा सकता है। एक, जीवन के लिए मौलिक आवश्यकता, जिसमे रोटी, कपड़ा और मकान आता है। दूसरी श्रेणी में वे सुविधाएँ आती हैं जिनसे जीवन आसान हो जाता है,

आर्थिक कठिनाई क्या है Read More »

करोना काल में बुजुर्गों को अकेलेपन और अवसाद से कैसे बचाएँ

सब लिए चुनौतीपूर्ण है कोई भी इससे अछूता नहीं है लेकिन हमारे बुजुर्ग इससे सबसे अधिक प्रभावित हैं। वे एक बड़े शारीरिक और मानसिक खतरे से जूझ रहें हैं। वे नौजवान पीढी की तरह तकनीकी के सहारे अपना दिन काटने के आदी तो हैं नहीं, ऐसे में यह अनिवार्य हो जाता है कि आप और

करोना काल में बुजुर्गों को अकेलेपन और अवसाद से कैसे बचाएँ Read More »

वृ़द्धावस्थाः तन, मन और धन तीनों का रखरखाव है जरूरी

वृद्धावस्था उम्र का वह अहम पड़ाव है जब हमें अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक और आर्थिक स्वास्थ्य की भी देखभाल करने की सख्त जरूरत होती है अन्यथा इनमें से किसी भी एक के बिगड़ने से जीवन की नौका बीच मझधार में दिशाहीन होकर डगमगाते देर नहीं लगती है।       हम अपनी मर्जी से जीवन

वृ़द्धावस्थाः तन, मन और धन तीनों का रखरखाव है जरूरी Read More »

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस

राजकुमार, दिल्ली  प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को “अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस” के रूप में मनाया जाता है। 14 दिसंबर, 1990 को संयुक्त  राष्ट्र महासभा द्वारा पास किए गए रेजोल्यूशन नंबर 45/106 के द्वारा अन्य प्रयासों के साथ प्रत्येक वर्ष 1 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। उद्देश्य       अंतर्राष्ट्रीय

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस Read More »

Scroll to Top