साँझ के दीप

मिर्जा गालिब: उर्दू और फारसी के महान शायर

“रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायलजब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है।” यह पंक्ति है महशूर शायर मिर्जा गालिब के जिनका हाल में ही 27 दिसंबर हो जन्मदिवस मनाया गया है। इनका भौतिक जीवन काल तो 27 दिसंबर 1796 से 15 फरवरी 1869 तक रहा लेकिन इनकी रचनाएँ आज […]

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याददाश्त को ठीक बनाए रखने के लिए अनिवार्य है मानसिक सक्रियता

कुछ लोग, विशेष रूप से बढ़ती उम्र में कहते हैं कि उनकी याददाश्त बड़ी ख़राब है और वे जल्दी ही चीज़ों को भूल जाते हैं। जहाँ तक भूलने की बात है भूलना एक स्वाभाविक क्रिया है। यदि हम हर चीज़ को याद रखने की कोशिश करेंगे, तो हमारा दिमाग़ परेशान हो जाएगा। अतः कुछ चीज़ें

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डिजिटल युग में पढ़ाई

अपनी जरूरतों और भावनाओं को तो पशु भी अभिव्यक्त करते हैं, पर उस पर विचार करना एक ऐसा कार्य है जो केवल मनुष्य कर सकता है। मनुष्य को ही यह शक्ति मिली है कि वह अपने मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ा सकता है। अपने विचारों को एक सकार रूप दे सकता है और इसे दूसरे

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60 की उम्र के बाद के लिए मेरी तैयारी 

आप के शहर से…… न्यूज चैनल….अगर …..आप में से कोई इस व्यक्ति को पहचानता है। तो कृपया हमें संपर्क करें यह हमें मोहाली सेक्टर नंबर 5 के बस अड्डे पर बहुत ही दयनीय अवस्था में मिले हैं। उनकी हालत इस अवस्था में नहीं है कि यह अपने विषय में अपना घर और शहर का पता

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60 के बाद की उम्र

नहीं जरूरत बुजुर्गों की  हर बच्चा बुद्धिमान बहुत हैl उजड़ गए सब बाग  बच्चे बगीचे, दो गमले में शान बहुत हैl 60 की उम्र के बाद के लिए तैयारी विषय जितना सुंदर हैं उतना गंभीर भी है। प्रथम प्रश्न यह है कि 60 या उससे अधिक जीवन अवधि जीने की कितने प्रतिशत संभावना है खासकर

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महिला दिवस

मित्रों! 8 मार्च को प्रतिवर्ष धूमधाम से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। महिलाओं की उपलब्धियों एवं सशक्तिकरण की बात की जाती है। निश्चय ही पिछले दो दशकों में महिलाओं ने अपनी योग्यता का प्रमाण दिया है। कभी घर के चूल्हे-चौके और घर की चारदीवारी तक सीमित रहने वाली भारतीय नारी अब शिक्षित है। हर

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‘पढ़ने’ की आवश्यकता

प्राचीन समय की बात है। एक गांव में चार मित्र रहते थे। चारों शिक्षा के लिए एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में गए। वहाँ रह कर उन चारों ने अन्य अनेक विद्याओं के साथ मृत संजीवनी विद्या भी सीखा। शिक्षा पूर्ण कर चारों  खुशी और उत्साह से अपने गाँव के लिए चले। वे सोचते जा रहे थे

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60 की उम्र के बाद मेरी तैयारी

हम सभी बाल्यावस्था, शैशवावस्था, प्रौढ़ अवस्था और वृद्धावस्था में प्रवेश करते हैं। किंतु पता नहीं जब तरुणाई की अवस्था चल रही होती है तो वह क्षण बहुत ही तीव्र गति से व्यतीत हो जाते हैं। हँसते खिलखिलाते, और ज्यों-ज्यों बुढ़ापा आता है हम बुढ़ापे को देखकर मायूस होने लगते हैं। हमारे अंगों में पहले के

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