कहानी

पहला एहसास

‘मेरी बात मानिए बच्चन बाबू, लड़का होनहार है, यहाँ गाँव में रह कर ज्यादा कुछ नहीं कर पाएगा। अभी तक इसने सारे क्लास में फर्स्ट लाएं है लेकिन यदि इसे सही समय पर सही जगह नहीं भेजा गया तो एक होनहार बच्चे का भविष्य खराब हो सकता है।’ शत्रुघ्न सर ने चाय की चुस्की लेते […]

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दोस्ती

अनीता मिश्रा, दिल्ली  दीपा बिस्तर पर लेटी-लेटी एक टक से अपनी मम्मी-पापा की तस्वीर को निहार रही थी। उसे लग रहा था जैसे आज वो बहुत खुश लग रहे थे क्योंकि उनकी बेटी भी अब इस दुनिया को छोड़ कर उनके पास जो आ रही थी। कैंसर का दर्द जितना नहीं तड़पा रहा था दीपा

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पितर पक्ष

अनीता मिश्रा, दिल्ली  सावन महिने की वर्षा ने विकराल रूप पकड़ रखा था। कभी-कभी तो पवन वेग पूरी शक्ति में खपड़ैल छत को ही तहस-नहस कर दे रही थी। तेज हवा के झोंको ने तो फूस के कई घर के छप्पर को ही उड़ा के फेंक दिया। सब अपने–अपने घरों से टॉर्च लेकर अपने मवेशियों

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