साँझ के दीप

वृद्धावस्था में व्यवहार में होने वाले परिवर्तन और उनके कारण

 चिड़चिड़ापन, झल्लाहट, क्रोध, कहीं मन नहीं लगना, उत्साह की कमी, दूसरों की खुशी के प्रति उदासीन रहना, खिन्नता इत्यादि व्यक्ति का स्वाभाविक गुण होता है, जो लगभग सभी व्यक्तियों में होता है, लेकिन इनकी मात्रा प्रत्येक व्यक्ति में भिन्न-भिन्न होती है। यहाँ तक कि एक ही व्यक्ति में समय, स्थान, परिस्थिति के अनुसार अलग-अलग हो […]

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भोजपुरी में रामायण के रचयिता पं0 व्रतराज दुबे ‘विकल’ से साक्षात्कार

       चौरासी वर्ष की आयु में एक ऐसा साहित्यकार जिन्होंने भोजपुरी में ‘करुनाकर रामायन’ (करुणाकर रामायण) सहित भोजपुरी और हिन्दी में कई ग्रंथों की रचना की है। उनकी लेखनी आज भी सतत् क्रियाशील है।   पं. व्रतराज दुबे “विकल” की रचनाएँ साप्ताहिक हिन्दुस्तान, धर्मयुग, नवराष्ट्र, अँजोर, भोजपुरी माटी, जयभोजपुरी, आखर ग्रुप सहित आकाशवाणी पटना से

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समुद्र-सूर्य का अद्भुत मिलन: कन्याकुमारी

चंचल बच्चे जैसे उछलती-कूदती और अठखेलियाँ करती समुद्र की लहरें और उन्हें दूर से चुपचाप निहारते अभिभावक जैसे सूर्य की प्रकृति लिखित खूबसूरत एवं सजीव चित्र अगर देखना हो तो कन्याकुमारी इसके लिए बहुत उपयुक्त स्थान है।       तमिलनाडु राज्य में स्थित कन्याकुमारी भारत की मुख्य भूमि का दक्षिणतम बिन्दु है। इसके बाद केवल समुद्र

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वरीय कोना

कानून प्रश्न – मेरे बेटे की सात महिना पहले शादी हुई हैं। लेकिन बहू का व्यवहार ठीक नहीं है। दो महीने बाद ही वह अलग हो गई। मेरा बेटा भी उसके साथ ही रहता है। फिर भी वह कभी-कभी घर आकर और कभी-कभी फोन से झगड़ा करती रहती है। मुझे डर है कि वह कहीं

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सोमनाथ-द्वारका: भगवान श्रीकृष्ण के वैभवशाली नगर

आस्थावान हिंदुओं की एक हार्दिक अभिलाषा होती है कि जीवन में कम-से-कम एक बार सोमनाथ और द्वारकाधीश (इसका वर्तनी द्वारिकाधीश के रूप में भी किया जाता है) के दर्शन उन्हें मिल जाए। सोमनाथ भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। इनके पास ही एक और ज्योतिर्लिंग नागेश्वर महादेव के नाम से है। द्वारका

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गंगटोक: धरती-आसमान का मिलन स्थल

अगर आप पहाड़ी जगहों पर घूमने के शौकीन हैं तो “पहाड़ों के फूल” सिक्किम की राजधानी गंगटोक आपके लिए एक अच्छा स्थान हो सकता है। गंगटोक एक ऐसा हिल स्टेशन है जहाँ बौद्ध भिक्षुक से लेकर नवविवाहित जोड़े और सामान्य पर्यटक से लेकर रोमांचक खेलों के शौकीन तक, सभी के लिए आकर्षण के केंद्र उपलब्ध

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वरिष्ठ पर्यटन: आवश्यकता या विलासिता?

हम में से कई लोगों ने स्कूल में पर्यटन पर निबंध लिखा होगा। पर्यटन से देश के आर्थिक वृद्धि को गति मिलती है, रोजगार सृजन होता है, देश के आधारभूत संरचनाओं का विकास होता है, सांस्कृतिक अंतरण होता है, इत्यादि-इत्यादि। लेकिन जब हम बड़े होते हैं और घर परिवार की जिम्मेदारियाँ आती हैं, तब हमे

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वरिष्ठ पर्यटन: जरूरी हैं कुछ सावधानियाँ

63 वर्षीया पुष्पा जी कई अन्य वरिष्ठ नागरिकों के एक समूह के साथ हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए गईं। साथ में कुछ युवा भी थे। वे सब शाम के समय पहुँचे जब वहाँ गंगा आरती का समय हो रहा था। इस समय स्नान करने के लिए माइक से बार-बार मना किया जा रहा था।

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