Babita Jha

Founder president of CLF

समुद्र-सूर्य का अद्भुत मिलन: कन्याकुमारी

चंचल बच्चे जैसे उछलती-कूदती और अठखेलियाँ करती समुद्र की लहरें और उन्हें दूर से चुपचाप निहारते अभिभावक जैसे सूर्य की प्रकृति लिखित खूबसूरत एवं सजीव चित्र अगर देखना हो तो कन्याकुमारी इसके लिए बहुत उपयुक्त स्थान है।       तमिलनाडु राज्य में स्थित कन्याकुमारी भारत की मुख्य भूमि का दक्षिणतम बिन्दु है। इसके बाद केवल समुद्र […]

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पहला एहसास

‘मेरी बात मानिए बच्चन बाबू, लड़का होनहार है, यहाँ गाँव में रह कर ज्यादा कुछ नहीं कर पाएगा। अभी तक इसने सारे क्लास में फर्स्ट लाएं है लेकिन यदि इसे सही समय पर सही जगह नहीं भेजा गया तो एक होनहार बच्चे का भविष्य खराब हो सकता है।’ शत्रुघ्न सर ने चाय की चुस्की लेते

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वरीय कोना

कानून प्रश्न – मेरे बेटे की सात महिना पहले शादी हुई हैं। लेकिन बहू का व्यवहार ठीक नहीं है। दो महीने बाद ही वह अलग हो गई। मेरा बेटा भी उसके साथ ही रहता है। फिर भी वह कभी-कभी घर आकर और कभी-कभी फोन से झगड़ा करती रहती है। मुझे डर है कि वह कहीं

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विकार

मिट्टी से ही बनता तू, मिट्टी में ही दफन होगा, पानी से वो शीतल मन, जल ही आखरी संगम होगा। तपिश तेरे जीवन की, अग्नि से ही राख होगी, आकाश से ऊँची तेरी सोच, हवा में तेरी साज़ होगी। पंचतत्व का ये शरीर जाने कौन बनाता है, खाक से जन्मे, खाक में उपजे, फिर खाक

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वृद्ध नहीं हैं भार तुल्य

वृद्ध जनों की सेवा करने को, हम सब आगे आएँ। भारतीय संस्कृति के मूल्यों, को जीवन में अपनाएँ।।  वृद्ध मार्गदर्शक हम सबके, क्यों नहीं बन सकते हैं आज। उनके बहुमूल्य अनुभवों से, रच सकते हम नया समाज।। वृद्ध नहीं भार तुल्य हैं, हमें जिन्होंने योग्य बनाया। हर कष्ट सह कर जिन्होंने, हम सब का भविष्य

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सोमनाथ-द्वारका: भगवान श्रीकृष्ण के वैभवशाली नगर

आस्थावान हिंदुओं की एक हार्दिक अभिलाषा होती है कि जीवन में कम-से-कम एक बार सोमनाथ और द्वारकाधीश (इसका वर्तनी द्वारिकाधीश के रूप में भी किया जाता है) के दर्शन उन्हें मिल जाए। सोमनाथ भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। इनके पास ही एक और ज्योतिर्लिंग नागेश्वर महादेव के नाम से है। द्वारका

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गंगटोक: धरती-आसमान का मिलन स्थल

अगर आप पहाड़ी जगहों पर घूमने के शौकीन हैं तो “पहाड़ों के फूल” सिक्किम की राजधानी गंगटोक आपके लिए एक अच्छा स्थान हो सकता है। गंगटोक एक ऐसा हिल स्टेशन है जहाँ बौद्ध भिक्षुक से लेकर नवविवाहित जोड़े और सामान्य पर्यटक से लेकर रोमांचक खेलों के शौकीन तक, सभी के लिए आकर्षण के केंद्र उपलब्ध

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वरिष्ठ पर्यटन: आवश्यकता या विलासिता?

हम में से कई लोगों ने स्कूल में पर्यटन पर निबंध लिखा होगा। पर्यटन से देश के आर्थिक वृद्धि को गति मिलती है, रोजगार सृजन होता है, देश के आधारभूत संरचनाओं का विकास होता है, सांस्कृतिक अंतरण होता है, इत्यादि-इत्यादि। लेकिन जब हम बड़े होते हैं और घर परिवार की जिम्मेदारियाँ आती हैं, तब हमे

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