एक दोस्ती ऐसा भी…(लघुकथा)
“लो दादाजी …ये आया….आया…एरोप्लेन, आपके पास, इस में बैठकर जल्दी आ जाओ मेरे घर” पाँच वर्षीय क्षितिज ने साथ वाले फ्लैट में व्हीलचेयर पर बैठे एक वृद्ध की ओर अपने कागज का बनाया हुआ जहाज उड़ा दिया। उधर उनके नौकर ने फुर्ती से कैच कर उन्हें पकड़ाया तो वह ज़ोर-ज़ोर से ठहाका लगाते हुए उसका […]
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