60 की उम्र के बाद मेरी तैयारी

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हम सभी बाल्यावस्था, शैशवावस्था, प्रौढ़ अवस्था और वृद्धावस्था में प्रवेश करते हैं। किंतु पता नहीं जब तरुणाई की अवस्था चल रही होती है तो वह क्षण बहुत ही तीव्र गति से व्यतीत हो जाते हैं। हँसते खिलखिलाते, और ज्यों-ज्यों बुढ़ापा आता है हम बुढ़ापे को देखकर मायूस होने लगते हैं। हमारे अंगों में पहले के जैसी शक्ति नहीं रह जाती। यहाँ तक कि समाज के कुछ युवा भी बुजुर्गों को हेय दृष्टि से देखने लगते हैं।

प्रीति चौधरी “मनोरमा”
जनपद बुलंदशहर
उत्तरप्रदेश 

कुछ जवान लोग उनका अनादर भी कर देते हैं। किंतु यदि उनसे पूछा जाए कि क्या आप इस अवस्था को प्राप्त नहीं करेंगे? क्या आप सदैव तरुणाई की अवस्था में ही रहेंगे? तो शायद वह निःशब्द हो जाएँ और उन्हें अपने व्यवहार पर पछतावा हो।

बुजुर्गों के पास अनुभव की पूँजी होती है। वह एक्सपीरियंस होल्डर होते हैं। बच्चे उनके पास बैठकर लाभान्वित हो सकते हैं। युवा उनसे मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं और परिवारजन उनसे जीने का फलसफा जान सकते हैं। किंतु यह सब तभी संभव है जब परिवार में उन्हें पर्याप्त आदर और सम्मान मिले और बुजुर्ग भी स्वयं के बड़प्पन को बनाकर रखें।

60 की उम्र के बाद के लिए तैयारी करना बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको इस चरण के लिए तैयार करने में मदद कर सकते हैं:

वित्तीय तैयारी

1. पेंशन और रिटायरमेंट प्लान: यदि आपके पास पहले से ही पेंशन और रिटायरमेंट प्लान नहीं है, तो इसे जल्दी से जल्दी शुरू करें।

2. बचत और निवेश: अपनी आय का एक हिस्सा बचत और निवेश में लगाएं।

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3. वित्तीय आपातकालीन निधि: एक वित्तीय आपातकालीन निधि बनाएं जो आपको भविष्य में किसी भी वित्तीय संकट से निपटने में मदद करेगी।

स्वास्थ्य तैयारी

1. नियमित स्वास्थ्य जांच: नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं ताकि आप अपने स्वास्थ्य की स्थिति को समझ सकें।

2. स्वस्थ जीवनशैली: एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, जिसमें नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और पर्याप्त नींद शामिल हों।

3. बीमारियों की रोकथाम: बीमारियों की रोकथाम के लिए टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य उपायों का पालन करें।

मानसिक तैयारी

1. मानसिक स्वास्थ्य: अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें और यदि आवश्यक हो तो मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क करें।

2. सामाजिक संबंध: अपने सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाए रखें और नए लोगों से मिलने के अवसरों का लाभ उठाएं।

3. शौक और रुचियां: अपने शौक और रुचियों को आगे बढ़ाएं और नए कौशल सीखने के अवसरों का लाभ उठाएं।

अन्य तैयारियां

1. आवास: अपने आवास की व्यवस्था करें और यदि आवश्यक हो तो अपने घर को सुरक्षित और सुलभ बनाने के लिए आवश्यक बदलाव करें।

2. परिवहन: अपने परिवहन की व्यवस्था करें और यदि आवश्यक हो तो अपने वाहन को सुरक्षित और सुलभ बनाने के लिए आवश्यक बदलाव करें।

3. सामाजिक सुरक्षा: अपनी सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था करें और यदि आवश्यक हो तो अपने सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक बदलाव करें।

निष्कर्ष: अंत में हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि प्रत्येक आयु के अपने सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं। हमें वृद्धावस्था के भी सकारात्मक पक्षों पर ध्यान देते हुए इस आयु का पूर्ण आनंद उठाना चाहिए। यदि हम सकारात्मक सोच रखेंगे तो वृद्धावस्था ही नहीं अपितु प्रत्येक आयु हमारे लिए वरदान साबित हो जाएगी।

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