हिंदी भाषा भारतीयता की भाषा

Share

भारत की संपर्क भाषा हिंदी

निसंदेह भारत की संपर्क भाषा हिंदी है क्योंकि जब हम अपने भावों को किसी भी भाषा में वर्णित करते हैं तो सबसे सरल और सुगम माध्यम भावनाओं को व्यक्त करने का हिंदी के अतिरिक्त और कोई हो ही नहीं सकता है।

प्रीति चौधरी “मनोरमा”
जनपद बुलन्दशहर, उत्तर प्रदेश
 

हिंदी बालक की प्रथम भाषा

हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा ही नहीं है, अपितु हमारी मातृभाषा भी है। जब कोई बालक बोलना सीखता है, तब वह हिंदी भाषा में ही अपने विचारों को व्यक्त करता है। हिंदी को आसानी से बोला जा सकता है। इस भाषा को याद करना नहीं पड़ता यह एक ऐसी भाषा है, जिसे बच्चे अपने आस-पास के परिवेश से ही सीख लेते हैं।

जब कोई बालक संवाद करता है तो वह हिंदी में सुगमता पूर्वक अक्षर- अक्षर मिलाकर शब्द बनाता है, शब्दों से वाक्य का संयोजन करता है। इस प्रकार हम पूर्ण विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हिंदी ही भारत की संपर्क की भाषा है।

हिंदी भाषा: राष्ट्रभाषा

14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एकमत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था। इसके बाद से हर साल 14 सितंबर को “हिंदी दिवस” के रूप में मनाया जाता है। देश की स्वतंत्रता और विकास में हिंदी भाषा का अहम योगदान है। हिंदी से ही हिंद है। विश्व की सबसे बड़ी भाषा हिंदी है। हिंदी राष्ट्रभाषा की गंगा से विश्व भाषा का महासागर बन रही है। विद्यार्थियों को आधुनिकता एवं अंग्रेजियत से अलग होकर हिंदी की रोचकता और महत्ता को जानने-पहचानने की आवश्यकता है। आज हिंदी भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व भर में बोली जाने लगी है।

Read Also:  कन्या पूजन और श्रवण कुमार के देश में वृद्धाश्रम!

न रंगे स्वयं को विदेशी भाषा के रंग में

अंग्रेजी भारतीयों की मातृभाषा नहीं है। अतः भारत में बच्चों की शिक्षा का सर्वाधिक उपयुक्त माध्यम हिंदी ही है। सबसे बड़ी बात हिंदी भाषा जैसे लिखी जाती है, वैसे बोली भी जाती है। दूसरी भाषाओं में कई अक्षर साइलेंट होते हैं, और उनके उच्चारण भी लोग अलग-अलग करते हैं। लेकिन हिंदी के साथ ऐसा नहीं होता।

कहा जाता है हिंदी कोई भी बहुत आसानी से सीख सकता है। हिंदी अति उदार एवं समझ में आने वाली सहिष्णु भाषा होने के साथ-साथ भारत की राष्ट्रीय चेतना की संवाहिका भी है।

भारत की वर्तमान शिक्षा पद्धति में बालक को अंग्रेजी के गीत रटाये जाते हैं। यदि घर में आने वाले अतिथियों के समक्ष बालक बिना अर्थ जाने उन कविताओं को सुना देता है, तो माता-पिता बहुत गौरवान्वित अनुभव करते हैं, जो कि निंदनीय है।

हिंदी किसी संप्रदाय विशेष की भाषा नहीं है, अपितु यह जन-जन की भाषा है…यह हमारे हृदय की भाषा है… हिंदी की मधुरता व्यक्तियों को आकर्षित करती है। विश्व की सबसे बड़ी भाषा हिंदी ही है। हिंदी दिवस के अवसर पर देवनागरी हिंदी के लिए शब्द प्रसून अर्पित करती हूँ:

राष्ट्रभाषा पर हमें गर्व है अभिमान है,

विश्व पटल पर हिंदी का कीर्तिमान है।

देवनागरी लिपि का है गौरवपूर्ण इतिहास,

अभिव्यक्ति का माध्यम यही है खास,

राष्ट्रभाषा से चलती है साहित्य की साँस,

हिंदी भाषा से जाग्रत होता स्वाभिमान है।

    *****

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top

Discover more from

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading