क्या है स्वस्थ जिंदगी
जब हम स्वास्थ्य की बात करते हैं तो “सक्रिय जीवन” की बात जरूर करते हैं। लेकिन यह सक्रियता क्या है? क्या यह व्यायाम है? क्या यह सामान्य कार्य है? वास्तव में हम सब हमेशा कुछ-न-कुछ करते ही रहते हैं। हमेशा यह कहते हैं कि “हमारे पास समय नहीं है”। इसका अर्थ तो यह हुआ कि हम व्यस्त

रहते हैं। हो सकता है, यह व्यस्तता शारीरिक हो या मानसिक। इतना तो निश्चित होता है कि हम कुछ-न-कुछ करते रहते हैं, या हम समझते हैं कि हम कुछ-न-कुछ कर रहे हैं। फिर भी विशेषज्ञ बार-बार याद दिलाते रहते हैं कि हमे और सक्रिय होने की जरूरत है।
वास्तव में सक्रिय होने और व्यस्त होने में अन्तर है। सक्रियता के भी दो रूप होते हैं:
लेखा: राजकुमार, वाल्मीकिनगर, बिहार
सामान्य सक्रियता
जैसे सामान्य दिनचर्या के अपने नियमित कार्य। अगर हम दिन में कुछ मिनट के लिए व्यायाम या योग कर लें और दिन भर निष्क्रिय पड़े रहें, यह भी सही नहीं है। अपनी शारीरिक क्षमता, समय और उम्र के अनुसार हमे कुछ-न-कुछ ऐसा कार्य करते रहना चाहिए जिससे शरीर का संचालन हो सके।
डॉक्टर बताते हैं कि कोई बड़ी शल्यक्रिया (surgery) भी अगर हो, और व्यक्ति थोड़ा-थोड़ा सक्रिय रहे या सैर करता रहे तो घाव भरने में कम समय लगता है। अपने नियमित कार्य में भी हम थोड़ा इस तरह बदलाव ला सकते हैं जिससे सक्रियता बढ़े। उदाहरण के लिए दूध, या सब्जी लाने घर से पैदल जा सकते हैं। थोड़ी-बहुत सीढ़ियाँ चढ़ने में लिफ्ट के प्रयोग से परहेज कर सकते हैं। एक सामान्य व्यक्ति के लिए पैदल चलना, नृत्य, तैरना, साइकिल चलाना इत्यादि अच्छे शारीरिक व्यायाम हैं। साइक्लिंग, सैर, नृत्य आदि में घुटने पर बल पड़ता है। इसलिए तैरने को सबसे अच्छा व्यायाम माना गया है।
विशेष सक्रियता
हम सामान्य रूप से जो दिनचर्या के कार्य करते हैं उनमें एक ही प्रकार के कार्य बार-बार होते हैं। इससे एक ही अंग उपयोग में आता है। उदाहरण के लिए अपने सामान्य कार्य करते हुए हम अपने हाथों को आगे की तरफ ही संचालित करते हैं। इससे जोड़ों का संचालन एक ही दिशा में होने लगता है।
इसी तरह हम किसी कार्य के लिए चलते है लेकिन इस तरह चलने से हमे थकान अधिक होती है, स्वास्थ्य पर इसका कोई असर नहीं होता। कुछ लोगों को कुछ विशेष समस्याएँ हो जाती हैं; जैसे माइग्रेन, मधुमेह या हृदय संबंधी समस्याएँ इत्यादि। इन्हें इसके लिए विशेष व्यायाम या आसन करना होता है। इसलिए सामान्य कार्यों से कुछ समय निकाल कर व्यायाम, योग या सैर जैसे कार्य करना आवश्यक है। अगर संभव हो तो ये कार्य प्राकृतिक वातावरण में करें।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक अध्ययन के अनुसार विश्व भर में करीब 1.4 खरब वयस्क लोग केवल इस कारण से घातक बीमारी के लिए संवेदनशील हैं कि वे शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के इस अध्ययन में मुख्य शोधकर्ता रेजिना गुथोल्ड ने कहा, ‘अन्य प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य जोखिमों के विपरीत दुनिया भर में अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि के स्तर का औसत कम नहीं हो रहा है और सभी वयस्कों में से एक-चौथाई लोग अधिक अच्छे स्वास्थ्य के लिए शारीरिक गतिविधि के निर्धारित स्तर तक नहीं पहुँच रहे हैं।’ (2000 में भी यही आँकड़ा था।)
इसी अध्ययन के अनुसार विश्व की कुल महिला आबादी में से एक-तिहाई महिला और कुल पुरुष आबादी में से एक-चौथाई पुरुष उतने सक्रिय नहीं रहते हैं जितने कि एक स्वस्थ शरीर के लिए होना आवश्यक है।
अन्य अनेक संगठनों के अध्ययन और आँकड़े भी बताते हैं कि जीवनशैली से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएँ बहुत तेजी से बढ़ रही है। हृदय रोग, श्वास संबंधी बीमारियाँ, माइग्रेन, स्लिप डिस्क, डाइबिटीज़, मानसिक बीमारियाँ, मोटापा, कुपोषण इत्यादि स्वास्थ्य समस्याएँ इसका उदाहरण हैं।
विशेष बात यह है कि ये समस्याएँ आर्थिक, सामाजिक या उम्र संबंधी सीमाओं का अतिक्रमण करने लगी हैं। डाइबिटीज़, हृदय रोग आदि जो पहले प्रौढ़ उम्र की बीमारियाँ मानी जाती थी, वे अब युवाओं और बच्चों को भी अपने चपेट में ले रहीं हैं। कुपोषण जितना आर्थिक रूप से निर्धन लोगों में है लगभग उतना ही सम्पन्न लोगों में भी है। अन्य कारणों के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय नहीं रहना भी इन समस्याओं का कारण है। इसलिए चुस्त और तंदुरुस्त रहने के लिए सक्रिय जीवन अपनाना अनिवार्य है। यह इतना जरूरी हैं की इस कार्य को “समय मिलने” या अन्य किसी बहाने के लिए नहीं टाला जा सकता है।
आप वास्तव में कितने सक्रिय रहते हैं, और उम्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए कितने तैयार हैं, निम्नलिखित प्रश्नों के जवाब से आप स्वयं इसका परीक्षण कर सकते हैं। 1. सुबह उठने के एक घंटे के अंदर क्या आप ये कार्य करते हैं? सैर/व्यायाम/योग, पानी पीना। 2. अगर आप सैर करते हैं तो क्या वह सही तरीके से करते हैं या केवल अपने को थकाते और समय व्यर्थ करते हैं? 3. आपकी निजी वस्तुएँ जैसे, आपके कपड़े, आपके दस्तावेज, आपकी दवाएँ आदि को आप स्वयं संभालते हैं? 4. सब्जी लाना, दूध लाना, कपड़े आयरन के लिए देना जैसे रोजमर्रा के कार्यों के लिए आप स्वयं बाहर जाते हैं? 5. मुहल्ले के दुकान, मंदिर, गुरुद्वारा, पार्क आदि स्थानों पर आप सप्ताह में कितनी बार जाते हैं? 6. आप घर के सामान्य कार्यों, जैसे; सब्जी काटना, चाय बनाना, सूखे हुए कपड़े उतार कर अंदर लाना आदि में कितना सहयोग करते हैं? 7. सप्ताह में कितनी बार आप अपने परिवार के लोगों के साथ आराम से, बिना किसी टॉपिक पर, बातें करतें हैं? 8. सप्ताह में कितनी बार आप दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं अथवा फोन पर उंनसे बातें करते हैं? 9. आप अपने से छोटे या बच्चों से कैसे मिलते हैं? उन्हें बिन माँगे सलाह, शिक्षा या चेतावनी देते हैं या आशीर्वाद और शुभकामनाएँ देते हैं? 10. क्या आपने अपने घर के आसपास या छत पर कोई पौधा लगाया है? उसकी देखभाल करते हैं? 11. आपने कोई नई चीज, जैसे मोबाइल या कंप्यूटर संबंधी कोई कार्य, कोई भाषा, या अन्य कुछ भी नया कितने दिन पहले सीखा था? 12. आपने अंतिम किताब कितने दिन पहले पढ़ा था? 13. आप अपने शरीर को आकर्षक बनाने पर कितना ध्यान देते हैं, जैसे नाखून काटना, दाढ़ी या बाल बनाना, साफ और आयरन किए हुए कपड़े पहनना, हाथ-पैर और चेहरे को क्रीम या तेल लगा कर मालिश करना इत्यादि? |