कानून
प्रश्न – मेरे बेटे की सात महिना पहले शादी हुई हैं। लेकिन बहू का व्यवहार ठीक नहीं है। दो महीने बाद ही वह अलग हो गई। मेरा बेटा भी उसके साथ ही रहता है। फिर भी वह कभी-कभी घर आकर और कभी-कभी फोन से झगड़ा करती रहती है। मुझे डर है कि वह कहीं हम लोगों को किसी केस में न फँसा दें। अब वह हमारे साथ नहीं रहती तो भी क्या हम पर केस कर सकती है? (परविंदर कौर, शास्त्री नगर, दिल्ली)
उत्तर – अगर आप केवल यह पूछतीं हैं कि क्या वह केस कर सकती है, तो इसका संक्षिप्त उत्तर तो यह होगा कि हाँ, उसे अधिकार है कि वह केस कर सकती है। लेकिन आपका भी यह उतना ही अधिकार है कि आप अपने को निर्दोष सिद्ध करें। कोर्ट गुण-दोष के आधार पर ही फैसला करेगा। साथ ही अगर आप को कोई समस्या हो तो आप भी कोर्ट या उचित अधिकरण में अपना केस रख सकती हैं। इसलिए घबराएँ नहीं।
बहू सामान्यतः सास-ससुर पर दो तरह के केस कर सकती है – घरेलू हिंसा के लिए और दहेज के लिए। घरेलू हिंसा (Domestic violence) अधिनियम के तहत केवल कोई महिला (भले ही वह सास, बहू, बहन, बेटी, बुआ, या किसी भी रिश्ते की क्यों नहीं हो) केस कर सकती हैं (इस अधिनियम के तहत पुरुष केस नहीं कर सकते हैं), अगर उस पर किसी तरह की – शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, यौन – हिंसा हो। बशर्ते – हिंसा करने वाला और हिंसा सहने वाली दोनों रक्त या विवाह संबंध में हों, और दोनों किसी भी समय बिन्दु पर एक ही घर में रहे हों।
यह एक गलत धारणा है कि इसके तहत केवल बहू केस कर सकती है। सास या ननद को भी यह अधिकार है। शर्त किसी भी समय बिन्दु पर एक साथ एक घर में रहना है। इसलिए भले ही वह दो महीने के लिए ही साथ रही, लेकिन केस कर सकती है। हाँ, अगर कभी साथ नहीं रही होती और केवल फोन से ही बात होती, तब यह नहीं होता। (बबीता झा, एडवोकेट)
स्वास्थ्य
प्रश्न – मेरे पति की उम्र 72 साल है। गठियाँ के कारण चलने-फिरने में दिक्कत है। हाई ब्लड प्रेशर की दवा बहुत दिनों से ले रहे हैं। और कोई विशेष बीमारी नहीं है। लेकिन कुछ दिनों से वे हाथ-पैरों में कमजोरी की शिकायत कर रहें हैं। नींद भी बहुत आती हैं उन्हें। दिन भर बैठे-बैठे ऊँघते रहते हैं। बात-बात कर गुस्सा करने लगे हैं। जाँच में सबकुछ ठीक है। खाना-पीना भी ठीक है। क्या ये कोई बीमारी है या बुढ़ापे का सामान्य लक्षण हैं?
(विनीता देवी, पटना)
उत्तर – अचानक से हाथ-पैरों में कमजोरी तंत्रिका संबंधी समस्याओं के कारण हो सकता है। अगर असामान्य रूप से अधिक नींद आती है, तो इसका एक कारण यह हो सकता है कि मस्तिष्क को उचित मात्र में रक्त नहीं पहुँच पा रहा हो। कई बार हाई ब्लड प्रेशर की दवा एक लंबे समय तक लेने से शरीर में सोडियम की कमी हो जाती है। इससे भी मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव पड़ सकता है। व्यवहार में बदलाव और कभी-कभी तो दौरे जैसी स्थिति भी बन जाती है। इसलिए उन्हें जल्दी किसी अच्छे न्यूरोलोजिस्ट से दिखाईये। क्लीनिकल टेस्ट के बाद ही वास्तविक बीमारी पहचाना जा सकता है।
(डॉ नीरज झा)
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