वरिष्ठ नागरिकों की आर्थिक सहायता के लिए सरकारी योजनाएँ

Share

सरकार की वर्तमान कल्याणकारी अवधारणा यह मानती है कि सरकार का उद्देश्य केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखना और सुरक्षा प्रदान करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अपनी जनता के सर्वांगीण कल्याण के लिए प्रयास करना भी उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसी अवधारणा के तहत सरकार महिलाओं, बच्चों, दिव्याङ्गो, वृद्धों इत्यादि अपेक्षाकृत कमजोर वर्ग के हितों की रक्षा के लिए विशेष प्रयास करती हैं। सेवानिवृति के बाद पेंशन की व्यवस्था वृद्धों के कल्याण के लिए वर्तमान “कल्याणकारी सरकार” द्वारा उठाया गया संभवतः पहला कदम था। लेकिन समय के साथ-साथ इस तरह के अधिक और व्यापक और प्रयासों की जरूरत अनुभव की जाने लगी।

सुशान्त कुमार, हैदराबाद

      हमारे देश में भी सरकार द्वारा वृद्धजनों के कल्याण के लिए कई तरह के प्रयास किए गए हैं; उदाहरण के लिए रेल किराया में छूट, बैंक और पोस्ट ऑफिस जमा योजनाओं में युवाओं की तुलना में आकर्षक ब्याज दर, आयकर में छूट, वृद्ध व्यक्ति के लिए अधिक सम्मान सूचक शब्द “वरिष्ठ” का प्रयोग इत्यादि। वर्तमान में सरकार द्वारा वरिष्ठ लोगों के लिए जो योजनाएँ चलाई जा रही हैं, उनमें निम्नलिखित प्रमुख हैं।

  • 1. इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (Indira Gandhi National Old Age Pension Scheme- IGNOAPS)
  • 2. वृद्ध जनों के लिए समेकित योजनाएँ (Integrated Programme for Older Persons- IPOP)
  • 3. राष्ट्रीय वयोश्री योजना (Rashtriya Vayoshri Yojna- RVY)
  • 4. वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना (Varishtha Pension Bima Yojana- VPBY)
  • 5. प्रधानमंत्री वय वंदन योजना (The Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana)
  • 6. वयोश्रेष्ठ सम्मान (Vayoshreshtha Samman)

इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (Indira Gandhi National Old Age Pension Scheme- IGNOAPS)

इस केंद्रीय योजना का उद्देश्य वैसे वरिष्ठ लोगों को एक निश्चित राशि प्रतिमाह जीवनयापन के लिए देना है, जिनके पास आय का कोई निश्चित साधन नहीं है यानि वे गरीबी रेखा से नीचे हैं। इसके लिए धन केंद्र और राज्य सरकारें दोनों मिलकर देती है। इसलिए अलग-अलग राज्यों में पेंशन की राशि अलग-अलग है। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत इस योजना का कार्यान्वयन होता है। यह योजना राष्ट्रीय सामाजिक सहायता योजना (National Social Assistance Programme– NSAP) के एक भाग के रूप में हैं।

इस योजना का आरम्भ वर्ष 1995 में हुआ था। समय-समय पर इसमें थोड़े-बहुत बदलाव किए गए। सरकार के अनुसार इस योजना से लगभग 3.5 करोड़ लोगों को लाभ मिल रहा है। केंद्र सरकार की पेंशन योजना में इस समय 3.19 करोड़ और राज्य सरकार की योजना में 28.74 लाख वरिष्ठ लोगों को लाभ मिल रहा है।

2011 से पहले 65 वर्ष के बाद ही इस योजना का लाभ लिया जा सकता था। लेकिन 2011 के बाद से यह आयु सीमा घटा कर 60 वर्ष कर की गई है।

Read Also:  मानव-प्रकृति का सम्बन्ध

      2016 से इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी भरा जा सकता है।

वृद्ध जनों के लिए समेकित योजनाएँ (Integrated Programme for Older Persons- IPOP) 

      1992 में भारत सरकार द्वारा वृद्धजन कल्याण योजना शुरू की गई थी। वर्ष 1999 में राष्ट्रीय वृद्धजन नीति (National Policy on Older Persons) की घोषणा की थी। इसी नीति के क्रियान्वयन के लिए 2007 में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम पारित किया गया। लेकिन कई कारणों से यह अधिक प्रभावी नहीं हो सका। इसी कारण पिछले साल संसद के शीतकालीन सत्र में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment) द्वारा ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण (संशोधन) विधेयक, 2019’ प्रस्तुत किया गया। इसके बाद इस विधेयक को संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया है।

      12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान केंद्र सरकार ने चार योजनागत कदम उठाया था। ये चार थे:

  • 1. माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 के प्रति जागरूकता पैदा करना।
  • 2. राष्ट्रीय स्तर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्पलाइन की स्थापना करना।
  • 3. जिला स्तर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्पलाइन की स्थापना करना।
  • 4. वरिष्ठ नागरिकों के संबंध में नई राष्ट्रीय नीति के कार्यान्वयन हेतु योजना।

 इन योजनाओं का उद्देश्य था वरिष्ठ व्यक्तियों को जीवन के लिए मौलिक सुविधाओं, जैसे भोजन, आश्रय, चिकित्सा और मनोरंजन के अवसर प्रदान करना ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो। इस उद्देश्य के पूर्ति के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों और स्थानीय निर्वाचित निकायों आदि में क्षमता निर्माण करना भी इसका उद्देश्य था। सरकार इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए कार्य करने वाले एनजीओ को सहायता देती है।

इन चारों योजनाओं को समेकित कर (मिला कर) और उनमें कुछ बदलाव कर वृद्ध जनों के लिए समेकित योजना (IPOP) बनाई है। इसमें बच्चों/युवाओं और वरिष्ठ व्यक्तियों में अन्तर-पीढ़ी संबंध बनाने और सक्रिय एवं उत्पादक वृद्धावस्था को प्रोत्साहन देने का लक्ष्य भी समाहित कर लिया गया है। इस योजना के लिए वर्तमान लागत मानदंड 1 अप्रैल, 2015 से लागू है। भारत सरकार की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय इस कार्यक्रम के लिए नोडल एजेंसी है।

      IPOP का उद्देश्य है वरिष्ठ लोगों के लिए एक गुणवत्तायुक्त जीवन स्तर के लिए प्रयास करना। 1 अप्रैल 2018 से पुनरीक्षित (Revised) योजना लागू है।

राष्ट्रीय वयोश्री योजना (Rashtriya Vayoshri Yojna- RVY)

      वरिष्ठ जनसंख्या का एक बड़ा प्रतिशत ऐसे लोगों का है जो उम्रगत शारीरिक असक्षमता से ग्रस्त हैं। सुनने और देखने की क्षमता कम हो जाना, दाँत नहीं रहना, चलने में परेशानी आदि ऐसी कठिनाइयाँ हैं। इनके लिए उन्हें कृत्रिम साधनों की जरूरत पड़ती है; जैसे- श्रवण यंत्र, चश्मा, कृतिम दाँत, छड़ी, विभिन्न प्रकार के वैशाखी, चलने में सहायता के लिए वॉकर, तिपहिया स्टैंड, व्हीलचेयर, कृत्रिम अंग इत्यादि। आर्थिक रूप से सम्पन्न वरिष्ठ व्यक्ति तो ऐसे साधनों को खरीद लेते हैं लेकिन बहुत-से ऐसे लोग हैं जो आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं। इसलिए गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले वरिष्ठ लोगों को ऐसे कृत्रिम सहायक साधन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय वयोश्री योजना शुरू किया है।

Read Also:  वृद्धावस्था में व्यवहार में परिवर्तन

      यह योजना भी भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा ही चलाया जा रहा है। इसके लिए पैसे की व्यवस्था “वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (senior citizens’ welfare fund)” से होता है। इस कोष के लिए छोटे बचत अकाउंट, पीपीएफ और एपीएफ के ऐसे अकाउंट का पैसे लिया जाता है जिसका कोई दावेदार नहीं होता है।

      गरीबी रेखा से संबंध रखने वाले वरिष्ठ नागरिकों को शारीरिक सहायता एवं जीवन यापन के लिये आवश्यक उपकरण प्रदान करने की योजना तैयार करने के प्रस्ताव की घोषणा 2015-16 के बजट में की गई थी। 1 अप्रैल, 2017 से इसे लागू किया गया। 

      योजना को भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (by Artificial Limbs Manufacturing Corporation of India- ALIMCO) (सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय मंत्रालय के अंतर्गत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम) नामक एकमात्र कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा लागू किया जा रहा है। भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम ही बुज़ुर्गों को दी जाने वाली इस सहायता एवं सामान्य जीवन जीने के लिये आवश्यक उपकरणों की एक वर्ष तक निःशुल्क देखरेख करता है।

वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना (Varishtha Pension Bima Yojana- VPBY)

      इस योजना में एकमुश्त राशि का भुगतान करने पर 60 वर्ष की आयु से प्रतिवर्ष 9% के गारंटीकृत दर पर पेंशन प्राप्त होता है। ब्याज दर की गणना वार्षिक आधार पर होती है लेकिन मिलता है प्रति माह। इसका उद्देश्य वरिष्ठ लोगों के लिए एक ऐसी निवेश योजना लाना है जिसमे एक न्यूनतम लाभ की गारंटी हो। निवेश डूबने या हानि का कोई जोखिम नहीं हो।

      इस योजना की एक विशेष बात यह है कि इसमे ब्याज दर 10 वर्ष के लिए निश्चित कर दिया गया है। इसका आशय यह हुआ कि अगर इस बीच किसी कारण से बैंक ब्याज दर में कमी भी आती है तो इसका इस निवेश पर असर नहीं पड़ेगा और इस पर इस निश्चित दर से ही ब्याज मिलेगा। 

      पॉलिसी लेने के 15 वर्ष के बाद (मैच्योर होने पर) जमाराशि की निकासी की जा सकती है। निवेश के तीन वर्ष बाद कर्ज भी मिल सकता है, जो कि कुल जमा राशि का 75% तक हो सकता है। अगर निवेश मैच्योर होने से पहले ही निवेशकर्ता की मृत्यु हो जाए, जो वह राशि मैच्योर होने के बाद उसके द्वारा नॉमिनी बनाए गए व्यक्ति को मिल जाएगा।

      निवेश आधारित योजना होने के कारण इसमे किए गए निवेश के आधार पर प्रतिमाह 500 से लेकर 10,000 तक का पेंशन मिलता है। इस निवेश पर मिलने वाली ब्याज की दर भी निश्चित होती है।

      यह योजना प्रायोगिक रूप से सबसे पहले 2003 में शुरू की गई थी। 14 अगस्त, 2014 को फिर से इस योजना का आरंभ हुआ है। यह योजना भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के माध्यम से चलाई जा रही है। गारंटीकृत रिटर्न तथा एलआईसी द्वारा सृजित रिर्टन के बीच अगर कोई अंतर होता है तो भारत सरकार द्वारा सब्सिडी से इसकी भरपाई की जाती है।

Read Also:  उद्देश्यपूर्ण जीवन: बुढ़ापे का सबसे बड़ा सहारा

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (The Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana- PMVVY)

      यह भी निवेश की ऐसी योजना है जिसमे 60 वर्ष से अधिक उम्र होने पर एक निश्चित राशि पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके तहत मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक पेंशन का विकल्प चुनने की सुविधा है। मासिक के लिए ब्याज की दर 8% और वार्षिक के लिए 8.03% है। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से इस योजना को छूट दी गई है।

      इस योजना का उद्देश्य भी वरिष्ठ लोगों के लिए जोखिम रहित निवेश योजना उपलब्ध करना ही है। इसका कार्यान्वयन भी जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा ही किया जा रहा है।

      PMVVY सबसे पहले 4 मई 2017 को एक वर्ष के लिए शुरू किया गया था। लेकिन बाद में इसे तीन-तीन वर्ष के लिए दो बार बढ़ा कर अब 2023 के लिए कर दिया गया है। इस योजना के तहत निवेश की सीमा अधिकतम शुरू में सात लाख रखी गई थी जिसे बढ़ा कर वर्तमान में 15 लाख कर दिया गया है। पहले सीमा प्रति परिवार के अनुसार था और अब प्रति व्यक्ति के अनुसार। इसका अर्थ यह हुआ कि पहले पति और पत्नी दोनों का निवेश मिला कर अधिकतम सीमा की गिनती होती थी। अब दोनों अलग-अलग 15 लाख निवेश कर सकते हैं।

      इस योजना में ब्याज की दर वर्तमान में 8% है। इसका आशय यह हुआ कि 1.5 लाख निवेश करने पर मासिक पेंशन 1000, 7.5 लाख करने पर 5000 और 15 लाख करने पर 10,000 मिलेगा।

      पेंशन का भुगतान एनईएफटी (NEFT) द्वारा या आधार सक्षम भुगतान प्रणाली के माध्यम से किया जाता है। इस योजना के लिए खर्च में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 75% और राज्य सरकार की 25% होती है।

वयोश्रेष्ठ सम्मान (Vayoshreshtha Samman)

       वरिष्‍ठ नागरिकों की, विशेष तौर पर निर्धन वरिष्‍ठ नागरिकों की, नि:स्‍वार्थ सराहनीय सेवा करने वाले संस्‍थानों और सुप्रसिद्ध वरिष्‍ठ नागरिकों को उनकी उत्‍तम सेवाओं और उपलब्धियों के लिए सम्मानित करने के उद्देश्य से वयोश्रेष्ठ सम्मान की शुरुआत की गई है।

      इस सम्मान का आरंभ भारत सरकार की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 2005 में किया था। 2013 में इसे राष्ट्रीय पुरस्कारों की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। वर्तमान में 13 श्रेणियों में यह सम्मान दिया जाता है। यह सम्मान प्रतिवर्ष 1 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर दिया जाता है।

      इन सभी योजनाओं और प्रयासों के बावजूद अभी भी आवश्यकता की तुलना में बहुत कम सहायता वरिष्ठ आबादी के लिए उपलब्ध हैं। कई कदम अभी उठाए जाने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, वृद्धावस्था पेंशन की राशि में वृद्धि करना, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत घर प्राप्ति के लिए परिवार के  वृद्ध सदस्यों को प्राथमिकता देना, डेमेंशिया, अलझाइमर आदि मानसिक या शारीरिक कारणों से अपनी देखभाल करने में असक्षम वरिष्ठ व्यक्ति, विशेष कर निर्धन वरिष्ठ व्यक्ति के लिए सहायता की विशेष योजनाएँ, वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और सक्षम बनाना, उनके स्वस्थ मनोरंजन के लिए लाइब्रेरी आदि की व्यवस्था इत्यादि ऐसे प्रयास हो सकते हैं।

***    

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top

Discover more from

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading