सरला के रिश्ते सबसे अच्छे हैं। ऑफिस में, अपने घर में, अपनी बिल्डिंग में, रिश्तेदारों में और फ्रेंडसर्किल में हर जगह उसकी पर्सनैलिटी और स्वीट बिहेवियर की धाक जमी हुई है। उसकी भाभी तनुजा को इस बात पर अक्सर ताज्जुब होता है। उसकी फ्रेंड काजल भी अक्सर कह देती है, “यार! जादू की छड़ी है तू। जिधर घूमती है जादू चला देती है। तेरी हर किसी से पटरी कैसे खा जाती है? मुझे भी बता तेरा सीक्रेट फार्मूला।”

कोलकाता
(तीन मोटिवेशनल पुस्तकों के लेखक, स्तंभकार, बाल साहित्यकार)
सरला भी पलट कर हमेशा एक ही जवाब देती है, “दूसरों को उनकी पटरी से उतारने की कोशिश मत करो। उनके साथ चलो। अपने आप पटरी बैठ जाएगी।” दरअसल सोशल इमेज इंप्रूव करने, लोगों को इंप्रेस करने और रिश्ते मजबूत रखने के लिए कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
अतिथि को भगवान समझें
“अतिथि देवो भव” हमारी पुरानी मान्यता है और भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। वर्कप्लेस हो या आपका घर, आगंतुक को सदैव सम्मान दें। उन्हें आदर पूर्वक बैठाएँ, चायपानी पूछें और उनकी बात सुनें। इस प्रवृत्ति से न सिर्फ अतिथि को बल्कि आपको भी आंतरिक खुशी मिलती है। साथ ही समाज और व्यावसायिक समूहों में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ती है और लोगों से संबंध प्रगाढ़ होते हैं।
मजाक सहन भी करें
जिंदादिली और ठहाके लगाने का मतलब यह नहीं कि आप हमेशा दूसरों को ही लपेटे में लेते हुए हंसी मजाक करें। आपको खुद पर भी हंसना चाहिए और दूसरों को भी मौका देना चाहिए कि वे खुलकर हंस सकें। मजाक करने के साथ मजाक सहन करने की क्षमता भी रखें। जब आप में यह गुण विकसित हो जाता है तो लोग आपसे बेलौस और बेपरवाह बातें करने लगते हैं और उनसे आपके रिश्ते इंप्रूव होते हैं।
मेंटली भी प्रजेंट रहें
आजकल लोगों में एक बुरी आदत हो गई है कि जब भी कोई साथ बैठा हो तो अपने मोबाइल में बार-बार व्हाट्सएप या फेसबुक नोटिफिकेशन देखते रहते हैं या उसका जवाब देने लगते हैं। कुछ लोग अखबार या पत्रिका पढ़ने बैठ जाते हैं। यह ठीक नहीं है। किसी भी व्यक्ति से मिलें या कोई आपसे मिलने आए तो फिजिकली ही नहीं मेंटली भी प्रजेंट रहें। ऐसा न करना अशिष्टता है और इससे सामने उपस्थित व्यक्ति की उपेक्षा होती है। साथ ही इस आदत से लोगों के बीच आप की छवि घमंडी व्यक्ति की बनती है जिससे रिश्तो में भी खटास आती है।
दूसरों को बदलने की कोशिश ना करें
रिश्तो में समस्या तब आती है जब आप उनसे अपनी तरह सोचने की उम्मीद करते हैं और अपनी हर बात से उनकी सहमति चाहते हैं। इससे विवाद और खिंचाव उत्पन्न होता है। लोगों को उनके स्वभाव के अनुसार आचरण करने दें। अगर आपको उनके साथ रिश्ते रखने हैं तो उन्हें उनकी कमियों के साथ स्वीकारें और इंप्रूव करने हैं तो आप दोनों में जो समानताएँ हैं, उन्हें खोजें।
मैजिक वर्ड्स का इस्तेमाल करें
अपनी बातचीत में कुछ जादुई शब्दों का इस्तेमाल करना सीख जाएँ तो आप की छवि एक जादूगर की तरह बन सकती है। ये बहुत आसान मगर शक्तिशाली और चुंबकीय शब्द हैं जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। ये शब्द हैं, प्लीज, थैंक यू और सॉरी। जाने-माने मोटिवेशनल लेखक और लाइफ कोच रॉबिन शर्मा कहते हैं, प्लीज का भाव है- मैं आपका आदर करता हूँ और थैंक्यू में भाव है- मैं आपकी प्रशंसा करता हूँ। गुड मैनर्स में वह ताकत है जिसके माध्यम से आप अपने आसपास के लोगों का दिल जीत सकती हैं और उनसे आदर पा सकती हैं।
लोगों को जज न करें
तोहमत लगाना, किसी एक घटना या एक बुरे अनुभव के आधार पर किसी के व्यक्तित्व पर निर्णय लेना आपकी आदत नहीं होनी चाहिए। लोगों को जज करने या दूसरों के सामने किसी की बुराई करने की आदत से दूर रहें। छोटी-मोटी बातों को नजरअंदाज करें और उनकी अच्छाइयों पर ध्यान दें। इससे आपके प्रति स्नेह और प्रेम बढ़ेगा।
डर से छुटकारा पाएं
डर दुनिया की सबसे अवास्तविक और काल्पनिक चीज है अगर हम ऐसा कहे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। असल में डर नाम की कोई चीज होती ही नहीं। अगर आप पर यह चीज हावी है तो आप जिंदगी में कभी कुछ नया या नहीं कर पाएंगे। आपको परिवर्तन से या नया काम हाथ में लेने से हमेशा डर लगेगा। डर से दूर रहने का एक ही तरीका है कि आप उसके पास जाएँ। थियोडोर रूजवेल्ट ने बहुत अच्छी बात कही है जब आप किसी चीज से डर रहे हैं तो इससे संबंधित कल्पनाओं में व्यस्त नहीं रहे इसके बजाय तत्काल कर्म करें और उस पर जमकर प्रहार करें।
लोगों को नहीं, खुद को बदलें
कई बार हम अपने से जुड़े लोगों के व्यवहार और उनकी आदतों आदि से परेशान हो जाते हैं। हम लाख कोशिशों के बावजूद दूसरों को नहीं बदल सकते। हमें खुद को बदलना होगा और अपने से जुड़े लोगों को उनकी कमियों के साथ स्वीकार करना सीखना होगा। इससे हम बेवजह की टेंशन से बचकर प्रसन्न चित्त रह सकते हैं।