
सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट्स, डॉ मुखर्जी नगर, दिल्ली
सब अपनो को पहचान लो भई !!
हम अपनी सोसाइटी की शान हैं
फूलों की मुस्कान है
हमे सीनियर सिटीजन समझने की
भूल न करना!!
हम जब मस्ती में पार्क में
गीत नये पुराने गाते रहते हैं
कितने तरुण तरुणी शरमा जाते हैं
कितने हमउम्र के दिल को धड़का देते है
चिड़ियों सी बेपरवाह जब हम
चहचहाते रहते हैं … …
हम अपने में सागर की ज्वार हैं
नयी पीढ़ी की ललकार हैं
हम युवा हृदय की झंकार हैं
भले तुम हमे कुछ भी समझो
पर तुम जानते हो
हमसे ही तेरा घर संसार है
हमसे ही गृहस्थी का श्रृंगार है … …
आज कोरोना की मारमार में
अलग अलग हम रहते हैं
पर एक दूसरे के दिल में
हम बसते हैं … …
क्या लेकर आये थे
क्या लेकर जाएंगे
गीत प्यार के यूँही गायेंगे … …
फ़लसफ़ा जीवन का
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