नमक जैसा मीठा (लोककथा)

Share

पंजाब की लोक कथा प्रस्तुत कर रहा हूँ। प्रस्तुत लोक कथा स्वर्ण मंदिर (अमृतसर पंजाब) में स्थित ‘दुःख भंजनी बेरी’ पास स्थित सरोवर के संदर्भ में उस काल में पट्टी क्षेत्र के शासक सेठ दुनी चंद की बेटियों में से एक, ‘बीबी रजनी’ के बारे में कही जाती है।)

विरेंदर ‘वीर’ मेहता
लक्ष्मी नगर, दिल्ली 

बात बहुत पुरानी है। एक राजा की सात बेटियां थीं। एक दिन उसने अपनी बेटियों को बुलाया और सभी से बारी-बारी पूछा, “मैं तुम्हें कैसा लगता हूं?”

सबसे बड़ी बेटी ने कहा, “आप मुझे मीठे लगते हैं।” दूसरी और  तीसरी ने भी यही बात दोहरा दी। चौथी, पांचवीं और छठी, लगभग सभी ने किसी मीठी चीज गुड़, शहद आदि का ज़िक्र करते हुए ऐसी ही बात कही। अंत में जब राजा की सबसे छोटी और सातवीं बेटी की बारी आई तो वह कुछ देर चुप रही। राजा के बार-बार कहने पर उसने कहा, “पिताजी! मुझे भी आप मीठे लगते हैं लेकिन. . .  एक नमक के स्वाद की तरह।”

उसके इस उत्तर से सभी लोग हैरत में पड़ गए। राजा इस उत्तर पर क्रोधित हो गया। उसने बेटी से अपने शब्दों को वापिस लेने के लिए कहा, लेकिन बेटी ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। “पिताजी मुझे जैसा लगा, मैंने कहा। आपकी खुशी के लिए मैं झूठ नहीं बोल सकती।”

बेटी के इस उत्तर ने राजा के क्रोध की अग्नि में घी का कार्य किया और उसने उसी समय आदेश दिया कि कल सुबह सर्वप्रथम जो पहला भिखारी मिले, उससे इसका विवाह करके इसे राज्य से निकाल दिया जाए।

भाग्य का खेल कुछ ऐसा हुआ कि नगर में मिलने वाला पहला भिखारी एक कोढ़ी था, और इस तरह राज महल में पली राजकुमारी बिना किसी विरोध के अपने पिता की इच्छा अनुसार राजमहल के वैभव छोड़ अपने पति को साथ लेकर कोढ़ी जीवनचर्या को आत्मसात करते हुए नगर-नगर में अपना जीवन बिताने लगी।

Read Also:  प्रेम की भूख

कालांतर में एक दिन अपने भ्रमण के दौरान पति के कहने पर राजकुमारी उसे एक सरोवर किनारे छोड़ कर खाने का इंतजाम करने गई। उस बीच उस ‘कोढ़ी’ ने देखा कि सरोवर में कुछ कौवे डुबकी लगा रहे हैं और डुबकी के बाद हंस की तरह श्वेत बनकर बाहर निकल रहे हैं। यह दृश्य देखकर वह बहुत हैरान हुआ और उसके मन में यह विचार आया कि क्यों न वह भी सरोवर में डुबकी लगाकर देखे? ऐसा विचार आते ही उसने सरोवर में छलांग लगा दी।

राजकुमारी के वापिस लौटने पर, जब राजकुमारी ने अपने पति के स्थान पर वहां एक सुंदर नौजवान को बैठे देखा, तो वह संशय से भर गई। उसे लगा कि कहीं वह नौजवान उसके कोढ़ी पति को कोई नुक़सान पहुँचाकर उसके साथ छल तो नहीं करना चाहता। ऐसा सोचकर वह बहुत क्रोधित हुई और उस युवक से अपने पति का पता बताने के लिए कहने लगी। उस युवक के बहुत बताने के बाद भी वह उस पर विश्वास करने को तैयार नहीं थी।

वह युवक अपनी पत्नी की ऐसी प्रेम भावना देखकर बहुत खुश हुआ। और अंततः उसने, उसे सारी बात बताई; कि किस तरह उसके उस सरोवर में डुबकी लगाने के बाद उसका सारा कोढ़ समाप्त हो गया है। और साथ ही उसने राजकुमारी को अपनी एक उंगली भी दिखाई जो उसने डुबकी लगाते समय सरोवर के पानी से बाहर रख ली थी, और उसमें कोढ़ के निशान अभी भी बाकी थे। 

पूरी बात जानकर राजकुमारी बहुत खुशी हुई। तब उस युवक ने अपने बारे में यह भी बताया कि वास्तव में वह एक समृद्ध राज्य का राजकुमार था लेकिन अपने अहम और सुंदरता के चलते उसने अतीत में एक श्रेष्ठ ऋषि का अपमान किया था; जिसके शाप के कारण ही उसकी ऐसी स्थिति हुई थी। सारी बातें जानकर राजकुमारी ने हाथ जोड़कर ईश्वर का धन्यवाद किया और प्रणाम करते हुए अपने नए संसार की ओर प्रस्थान किया।

Read Also:  मर्यादा में रहना महत्वपूर्ण

***

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top

Discover more from

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading