क्षमा

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मित्रों! मनुष्य विधाता की सर्वश्रेष्ठ कृति है क्योंकि वह एक बुद्धिजीवी है, उसमें विवेक की शक्ति है। वह अच्छे-बुरे एवं गुण-अवगुण का अंतर समझता है।

      आज हम बात करेंगे एक महत्वपूर्ण गुण क्षमा की। इसके विषय में अपनी बात करने से पहले मैं आपसे एक छोटी-सी कहानी साझा करना चाहती हूँ।

      एक छोटा-सा लड़का अपने सहपाठी से किसी बात पर नाराज हो गया और वह अब उसके साथ नहीं बल्कि अकेले पढ़ने आने लगा। गुरु जी ने कारण पूछा तो उसने उस मित्र से अपनी नाराज़गी वाली बात बतायी। गुरु जी ने कहा “तुम्हारा दोस्त है उसकी गलती माफ कर दो”, पर वह नहीं माना। उसके चेहरे की उदासी पढ़ गुरु जी ने एक तरकीब सोची। विद्यालय आते हुए उस शिष्य को रास्ते में मिलने वाले सभी पत्थरों को अपने थैले में भरने को कहा। उसका बस्ता भारी होता गया, उसे बस्ता उठाकर चलने में परेशानी होने लगी। पसीने से लथपथ हांफता हुआ वह गुरु जी के पास पहुँच। उसकी दशा देखते हुए गुरू जी मुस्कुराये और उन्होंने वापिसी में एक-एक करके पत्थर वापिस रखने को कहा। लड़का अब हल्का अनुभव करने लगा।

      तब गुरुजी ने उसे समझाया यही जीवन का रहस्य है किसी को सबक सिखाने की बुरी भावनाएँ, उसके प्रति वैर रखना, उसका बुरा चाहना तुम्हें परेशान करता रहेगा। दूसरे व्यक्ति को क्षमा कर देना एक ऐसा गुण है जिससे आप के रिश्ते बने रहते हैं और मन का बोझ भी हल्का रहता है।

      यदि आप में दंड देने का सामर्थ्य है तब भी आप किसी को क्षमा कर देते हैं, अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करते, उदारता दिखाते हुए जीवन में आगे बढ़ जाते हैं तो इससे आपके व्यक्तित्व में निखार आता है। यह आपकी की महानता मानी जाती है।

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      रहीम दास जी ने भी कहा है कि बड़ों को छोटों द्वारा गलती होने पर उन्हें माफ कर देना चाहिए

और अपना बड़प्पन दिखाना चाहिए। इसलिए माता-पिता अक्सर बच्चों की अनेक गलतियाँ माफ करते हैं। क्षमा से नफरत का निदान होता है गाँधी जी भी यही कहते थे कि हिंसा के बदले हिंसा ठीक नहीं है और आजादी की लड़ाई में उन्होंने इस बात का प्रमाण भी दिया।     इसीलिए तो उनके लिये यह गीत लिखा गया, “दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।”

      मित्रों! क्षमा करने के साथ-साथ क्षमा माँगना भी एक बहुत बड़ा गुण है। यदि आप विनम्र है, अपनी ग़लती पर क्षमा माँग लेते हैं तो आप सामने वाले के क्रोध से भी बच जाते हैं और आपके संबंध भी मधुर बने रहते है। आपके मित्रों का दायरा बढ़ता है। आप स्वयं भी प्रसन्नचित्त रहते हैं और आपके आसपास वाले भी प्रसन्न  रहते हैं। क्षमा माँगते हुए आपका अहं आड़े नही आना चाहिए।

      मित्रों! क्षमा कर देने से मेरा यह अभिप्राय बिल्कुल नही है कि चोरों, बलात्कारियों एवं हत्यारों को भी सरकार को क्षमा कर देना चाहिए। ऐसे समाज विरोधी एवं देश विरोधी मनुष्यों को अवश्य एवं जल्द- से-जल्द सज़ा मिलनी चाहिए। इसी प्रकार बार-बार गलती करने वाले को भी दंड मिलना चाहिए।

      मित्रों! यह बात भी याद रखें कि जिसे भी क्षमा करें दिल से क्षमा करें केवल दिखावे, या खानापूर्ति के लिये नही।

      अब देखिए न, मुझे विश्वास है यदि इस लेख में मेरी कोई बात आपको नागवार गुज़री तो आपने मुझे क्षमा कर ही दिया होगा।

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      हार्दिक शुभकामनाएँ

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