एसी कैसे कार्य करता है?

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गर्मी की आहट के साथ बहुत से लोगों ने या तो एसी का उपयोग शुरू कर दिया होगा या फिर सर्विसिंग करवा कर अब उपयोग शुरू करने का विचार कर रहे होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं यह कमरे को ठंढा कैसे करता है? “ठंडी हवा उत्पन्न कर? बहुत लोगो ऐसा सोचते हैं लेकिन यह बिलकुल भी सच नहीं है।

सच यह है कि एसी ठंडी हवा उत्पन्न कर नहीं बल्कि घर की गर्मी को अवशोषित कर घर को ठंडा करता है। वास्तव में एसी के अंदर एक ’रेफ्रीजेरेंट’ लगा होता है जो कोइल की तरह दिखता है। यह कोइल एसी के अंदर से बाहर तक एक बंद तार या पाइप की तरह होता है। यह रेफ्रीजेरेंट को गाइड करता है। इसमें जगह-जगह कई पॉइंट्स बने होते हैं जिन्हें हम स्टेशन  मान सकते हैं। इन पॉइंट्स पर जो डिवाइस लगे होते हैं वे तीन तरह के होते हैं:

एवेपोरेटर (evaporator)

कंप्रेसर (compressor)

कंडेंसर (condenser)

घर के अंदर की गर्म हवा वेंट (vent) खींच लेता है और उसे ठंडे एवेपोरेटर कोइल से गुजारता है। इससे वह हवा ठंडी हो जाती है। एक छोटा पंखा लगा होता है जिसका कार्य होता है इस हवा को पूरे कमरे में एक जैसा बिखेरे। रेफ्रीजेरेंट इस हवा को तरल से फिर गैस रूप में परिणत करने के काम आता है। चूंकि गैस का आयतन बहुत ज्यादा हो जाएगा इसलिए कंप्रेसर गैस को दबा कर तरल में परिणत कर देता है। इस प्रक्रिया में जो ऊष्मा उत्पन्न होती है उसे रेफ्रीजेरेंट बाहर निकाल देता है। यही प्रक्रिया निरंतर दुहराती है और कमरा ठंडा हो जाता है।

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एसी की अच्छी रखरखाव और उससे अधिक शीतलता प्राप्त करने के लिए ये चार सावधानियाँ रखी जानी चाहिए:

1. एयर फिल्टर एसी का एक महत्वपूर्ण भाग होता है। इसे समय-समय पर बदलते रहना चाहिए।

2. एसी का समय-समय पर सफाई और रख-रखाव होते रहना चाहिए। छोटे-मोटे रख-रखाव करते रहने से एक बार अधिक बड़ी हानी से बचा जा सकता है।

3. डक्ट का रखरखाव– डक्ट (duct) का कार्य होता है समस्त कमरे में शीतलता हो एक समान रखना। यह एक पाइप की तरह रचना होता है। का बार इसमें छेद, गंदगी, कोई रुकावट आदि हो जाता है। इससे भी एसी पूरी शीतलता नहीं दे पाता है।

4. आवश्यकतानुसार तापमान को निश्चित करना (thermostate) चाहिए। जैसे दिन और रात में अलग अलग तापमान की जरूरत होती है। इससे एसी पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा।

एसी आधुनिक जीवन शैली का एक सामान्य अंग बन चुका है। ऑफिस हो या घर हर जगह इसकी मौजूदगी है। पर हमे स्वस्थ्य दिनचर्या के लिए कुछ समय बिना एसी के खुली हवा में भी बिताना चाहिए। अगर कहीं बाहर निकलना हो तो एसी का तापमान इतना होना चाहिए कि शरीर को तापमान में बहुत अधिक अंतर नहीं सहना पड़े। 

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